नई दिल्ली। दुनिया की एक बड़ी अबादी बढ़ते वजन से परेशान है। हर कोई तेजी से पतला होने के शार्टकट्स खोजने में लगा हुआ है। ऐसे में सबसे पहला तरीका जो दिमाग मे आता है, वह है मोटापे से निजात दिलाने वाली दवाओं का सेवन। लेकिन इसके बहुत गंभीर साइड इफैक्ट्स भी हो सकते हैं। हाल ही में अमेरिका में हुए एक अध्ययन में इस बात की पुष्टि हुई है। अध्ययन में बताया गया है कि तेजी से मोटापा घटाने में इस्तेमाल होने वाली वेगोवी और ओजेम्पिक जैसी दवाओं के लगातार सेवन के गंभीर दुष्परिणाम हो सकते हैं। इसमें पेट के लकवे जैसे रोग शामिल हैं।
दरअसल पेट के लकवा मारने पर वजन में तेजी से कमी आने लगती है। इसके साथ ही कुपोषण और अन्य जटिल रोगों का खतरा भी बढ़ जाता है। कई बार तो इसके इलाज के लिए सर्जरी तक का सहारा लेना पड़ सकता है। हालांकि अध्ययन में यह भी साफ किया गया है कि इन साइड इफैक्ट्स के होने की संभावना बहुत कम है।
भारत की बात करें तो ये दोनों ही दवाएँ कानूनी तौर पर यहाँ उपलब्ध नहीं हैं। लेकिन कुछ रिपोर्ट्स की मानें तो ग्रे मार्केट के जरिए प्रीमियम पर इन दवाओं को उपलब्ध कराया जा रहा है। हाल ही में डेनमार्क की एक कंपनी नोवो नोरडिस्क ने डायबिटिज के लिए एक दवा को लाँच किया है। ‘रेबेल्सस’ नाम की इस दवा में ओजेम्पिक की कुछ मात्रा पायी गई है। डॅाक्टर्स का कहना है कि इस दवा का इस्तेमाल वजन घटाने के लिए भी किया जा रहा है। बता दें कि वेगोवी और ओजेम्पिक को पहले शुगर की दवा के रूप में ही अप्रूव किया गया था। लेकिन कुछ रिपोर्ट्स सामने आईं जिनमें दावा किया गया कि इनकी मदद से साल भर के अंदर ही 10-15% वजन घटाया जा सकता है।
इसके बाद यूएस एफडीए ने मोटापे से ग्रसित लोगों के लिए भी इसके सीमित उपयोग की मंजूरी दे दी थी। कुछ ही दिनों में ये दवाएँ इतनी मशहूर हो गईं कि बड़े बड़े सेलिब्रिटी जैसे एलोन मस्क और ओपरा विनफ्रे तक इनका इस्तेमाल करते देखे गए।
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