चुनाव लड़ने की न्यूनतम उम्र घटाने की मांग – Rant Raibaar

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नई दिल्ली। संसद का बजट सत्र इस समय चल रहा है और यह 12 अगस्त तक जारी रहेगा। इस बार के बजट सत्र में एक महत्वपूर्ण चर्चा का विषय भारत के राजनेताओं और जनसंख्या की औसत उम्र के बीच असमानता है। राज्यसभा में आम आदमी पार्टी (आप) के सांसद राघव चड्ढा ने गुरुवार को चुनाव लड़ने के लिए न्यूनतम उम्र 25 से घटाकर 21 करने की मांग की है। राघव चड्ढा खुद सबसे कम उम्र के सांसदों में से एक हैं और उनकी उम्र 35 साल है।

उम्र के आंकड़े और संसद का प्रतिनिधित्व
राघव चड्ढा ने कहा, “हमारे देश की 65% आबादी 35 साल से कम और 50% आबादी 25 साल से कम उम्र की है।” उन्होंने अपनी बात रखते हुए कहा कि आजादी के बाद जब पहली लोकसभा चुनी गई थी, तब 26% सदस्य 40 साल से कम उम्र के थे। इसके विपरीत, हाल ही में चुनी गई 18वीं लोकसभा में केवल 12% सदस्य 40 साल से कम उम्र के हैं।

वर्तमान लोकसभा की औसत उम्र
वर्तमान लोकसभा अब तक की सबसे उम्रदराज़ लोकसभा है, जिसमें सांसदों की औसत उम्र 56 साल है। इस बार की लोकसभा में सिर्फ 25 सांसद 35 साल या उससे कम उम्र के हैं, जिनमें से केवल सात 30 वर्ष से कम आयु के हैं। दो-तिहाई से ज्यादा सांसद 50 से अधिक उम्र के हैं। 2024 के लोकसभा चुनावों से पहले, 1999 के चुनावों के बाद सबसे अधिक औसत आयु 55.5 साल दर्ज की गई थी, जबकि वर्तमान लोकसभा में सांसदों की औसत आयु 56 के रिकॉर्ड स्तर पर है।

पिछली लोकसभाओं का आंकड़ा
पिछली दो लोकसभाओं में 35 वर्ष से कम आयु के सांसदों की संख्या काफी कम रही है। 2019 में 21 और 2009 में 22 सांसद 35 साल से कम उम्र के थे। पहली लोकसभा के बाद से 35 या उससे कम उम्र के सांसदों की संख्या में लगातार गिरावट आई है।

सबसे युवा सदन का रिकॉर्ड
1998 में सांसदों की औसत उम्र 46.4 वर्ष थी, जिससे उस साल सबसे युवा सदन का रिकॉर्ड दर्ज किया गया था।

चुनाव लड़ने की उम्र घटाने का प्रस्ताव
पार्लियामेंटरी स्टैंडिंग कमेटी ऑन पर्सनल, पब्लिक ग्रिवेंस, लॉ एंड जस्टिस ने पिछले अगस्त में विधानसभा चुनाव लड़ने के लिए न्यूनतम आयु 25 से घटाकर 18 करने की सिफारिश की थी। 1952 में पहली लोकसभा चुनी गई थी, तब सांसदों की औसत आयु 46.5 वर्ष थी, जो रिकॉर्ड पर दूसरी सबसे कम उम्र थी। तब 82 सांसद थे जिनकी उम्र 40 या उससे कम थी, और कोई भी सांसद 70 से अधिक उम्र का नहीं था।

संविधान सभा की बहस
संविधान सभा की बहस से पता चलता है कि भारत के शुरुआती नेता सांसद बनने के लिए कम उम्र के पक्ष में थे, यह सुझाव देते हुए कि चुनाव लड़ने की उम्र कम करने का प्रस्ताव एक लंबे समय से चर्चा का विषय रहा है।

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