भारत में नई सरकार के गठन के बाद भारत की द्विपक्षीय राजकीय यात्रा पर बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना आना कई मायनों में सुकूनकारी है। उनकी यात्रा का उद्देश्य दोनों देशों के दरम्यान के घनिष्ठ संबंधों को और आगे बढाना है। दोनों देशों ने समुद्र क्षेत्र समेत कई अन्य अहम क्षेत्रों में संबंधों को बढ़ावा देने के लिए दस समझौतों पर हस्ताक्षर किए हैं, जिसमें डिजिटल क्षेत्र में संबंध प्रगाढ़ करने व हरित साझेदारी के साथ समुद्र विज्ञान, स्वास्थ्य व चिकित्सा, आपदा प्रबंधन व मत्स्य पालन भी इसमें शामिल है।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा नए क्षेत्रों में सहयोग के वास्ते भविष्य के लिए एक दृष्टिकोण तैयार किया है, जिससे दोनों देशों के युवाओं को लाभ मिलेगा। हसीना ने भारत को विसनीय मित्र बताते हुए 1971 में बांग्लादेश की स्वतंत्रता में भारत सरकार व भारतीयों के योगदान को याद किया। भारत की पड़ोसी पहले की नीति के तहत बांग्लादेश महत्त्वपूर्ण भागीदार है। दोनों देश जल्द नई रेल सेवा व बस सेवा भी चालू करने पर सहमत हैं। पंद्रह दिनों के भीतर हसीना का यह दूसरा भारत दौरा है।
कहा जा रहा है, इस करीबी से चीनी सरकार चिंतित हो सकती है। हालांकि बांग्लादेश के चीन के साथ भी अच्छे संबंध हैं। वह कच्चे माल के मामले में उसका प्रमुख व्यापारिक साझेदार है। इसके बाद हसीना चीन भी जा रही हैं, परंतु भारत ने भी पिछले आठ वर्षो में बांग्लादेश के बुनियादी ढांचे के विस्तार में मदद के लिए आठ मिलियन डॉलर का कर्ज दिया है। 2022-23 के दौरान दोनों देशों के दरम्यान 15.9 बिलियन डॉलर का व्यापार हुआ, जिसके मौजूदा वर्ष में तीव्र गति से बढने की उम्मीद है।
गौर करने वाली बात है कि बांग्लादेश भारत का सबसे बड़ा डेवलपमेंट पार्टनर भी है। हालांकि दोनों ही देश जलवायु परिवर्तन के बदलावों के चलते जनसांख्यकीय व आर्थिक उथल-पुथल झेल रहे हैं। और ये मसले वाकई दोनों ही देशों के लिए परेशानी का सबब हैं। इस समझौते को विकसित भारत 2047 व स्मार्ट बांग्लादेश 2041 के व्यापक दृष्टिकोण से देखा जा रहा है। बांग्लादेशी नौजवानों के लिए भारत सिर्फ बेहतरीन जीवन व रोजगार की स्वप्नगाह भर नहीं है। बल्कि एक छोटे से देश का सामथ्र्यवान हमसाया होने का फर्ज निभा कर भारत अपना बड़प्पन भी बखूबी दर्शा रहा है। साथ ही वह प्रमुख एशियाई देश होने का गौरव भी प्राप्त करते हुए दुश्मनी साधने वाले पाकिस्तान को आईना भी दिखा सकता है।
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