उत्तर प्रदेश। यूपी सरकार ने कई सालों से पुरानी पेंशन को लेकर उठ रही शिक्षको की मांग को पूरा कर दिया है. बता दें कि पुरानी पेंशन को लेकर चल रहे आंदोलनों के बीच सरकार ने 60 हजार शिक्षकों को पुरानी पेंशन देने का ऐलान कर दिया है. इसी के साथ राज्य सरकार ने शिक्षकों को मौका दिया है कि वो नई और पुरानी पेंशन के विकल्प में से किसी एक को चुन सकते हैं. इसी के साथ ये कहा गया है कि शिक्षक इन दोनों पेंशन में से जो भी विकल्प चुनेंगे वो अंतिम फैसला होगा, बाद में इसे लेकर कोई बदलाव नहीं किए जाएंगे.
लोकसभा चुनाव 2024 में उत्तर प्रदेश में बीजेपी के खराब प्रर्दशन के बाद यूपी सरकार एक बार फिर यूपी के लोगों को खुश करने में जुट गई है. इसी के तहत सरकार ने शिक्षकों की इस मांग को पूरा करने का फैसला लिया है. आपको बता दें कि उत्तर प्रदेश समेत देश के कई हिस्सों में पुरानी पेंशन की मांग चुनाव मुद्दा बन चुकी है. इस मुद्दे को कांग्रेस ने भी अपने घोषणापत्र में भी शामिल किया था.
कौन-कौन से राज्यों में पुरानी पेंशन बनी चुनावी मुद्दा
साल 2022 में यूपी में हुए विधानसभा चुनावों से पहले कांग्रेस ने अपने घोषणापत्र में इस मुद्दे को शामिल किया था. बाद में छत्तीसगढ़ और राजस्थान में इसे लागू करने की मांग शुरू हो गई थी. कांग्रेस के अलावा साल 2022 के विधानसभा चुनाव में अखिलेश यादव ने भी इसे मुद्दे को घोषणा पत्र में शामिल किया था. इसके अलावा लोकसभा चुनाव 2024 में भी विपक्ष ने इसे अपने घोषणापत्र का हिस्सा बनाया. बाद में लोकसभा चुनाव में खराब प्रर्दशन के बाद यूपी सरकार ने ये फैसला लिया कि नई पेंशन स्कीम को और व्यावहारिक बनाया जाए और पुरानी पेंशन स्कीम को 60 हजार शिक्षकों को दिया जाए.
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