प्रदेश के हर जिले में कामकाजी महिला छात्रावास का किया जाएगा निर्माण
‘नंदा गौरा योजना ‘में जरूरी बदलाव के लिए किया जा रहा प्रस्ताव तैयार
देहरादून। नंदा गौरा योजना के तहत बेटियों को उच्च शिक्षा के लिए सरकार हर साल कुछ धनराशि देगी। इसके लिए नंदा गौरा योजना में बदलाव किया जाएगा। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने विभागीय अधिकारियों को इसके लिए एक महीने के भीतर विस्तृत रूपरेखा तैयार करने के निर्देश दिए हैं। प्रदेश की दो देवियों नंदा और गौरा के नाम पर शुरू की गई नंदा गौरा योजना के तहत वर्तमान में सरकार बेटियों के जन्म पर 11,000 रुपये और उसके 12वीं पास करने पर 51,000 रुपये की धनराशि देती है, लेकिन सरकार अब इस योजना में बदलाव करने जा रही है।
सरकार की मंशा है कि इस योजना को सुकन्या समृद्धि योजना से जोड़ते हुए हर साल पात्र बेटियों के खाते में कुछ धनराशि दी जाए। जो 10,000 या इससे अधिक हो सकती है। बेटियों को उच्च शिक्षा में प्रेरित करने के लिए यह धनराशि दी जाएगी, जिससे उनका उच्च शिक्षा में प्रतिभाग बढ़ेगा। वहीं, हर साल दी जाने वाली इस धनराशि से बेटियों को उच्च शिक्षा के खर्च को वहन करने में सहायता मिलेगी। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने विभागीय अधिकारियों को इस संबंध में निर्देश दिए हैं। विभागीय अधिकारियों के मुताबिक, मुख्यमंत्री के निर्देश के बाद नंदा गौरा योजना में जरूरी बदलाव के लिए प्रस्ताव तैयार किया जा रहा है।
प्रस्ताव तैयार किए जाने के दौरान यह देखा जा रहा कि योजना के तहत पात्र बेटियों को उच्च शिक्षा के लिए हर साल तय धनराशि दी जाए या फिर अलग-अलग कोर्स के लिए अलग-अलग धनराशि दी जाए। प्रदेश के हर जिले में कामकाजी महिला छात्रावास का निर्माण किया जाएगा, जिसे पीपीपी मोड में संचालित करने का प्रस्ताव है। मुख्यमंत्री ने इसके लिए मुख्य सचिव की अध्यक्षता में भूमि की उपलब्धता और इसे पीपीपी मोड में चलाने के लिए रूपरेखा तैयार करने के निर्देश दिए हैं।
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